Tuesday 11 October 2016

Gourav Kamboj

  • ख़त जो लिखा मैनें वफादारी के पते पर, डाकिया ही चल बसा 😞 शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते 😞
  • मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ ….. अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले…..
  • अभी ज़रा वक़्त है, उसको मुझे आज़माने दो. वो रो रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक़्त तो आने दो।।।
  • दर्द हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में… और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता…
  • तकलीफ ये नही की किस्मत ने मुझे धोखा दिया, मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नही..
  • अखबार तो रोज़ आता है घर में, बस अपनों की ख़बर नहीं आती. ❤
  • घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए, मैं खुद से रूठ गया हूँ, तुम्हे मनाते हुए…
  • अफ़सोस होता है उस पल जब अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है.. ख्वाब हम देखते है.. और हक़ीक़त कोई और बना लेता है.
  • वो गुस्से में तेरा लब से मेरे सिगरेट हटा देना उसी दिलकश अदा की याद में अब कश लगाते हैं !!
  • हम‬ भी ‪‎किसी‬ की ‪दिल‬ की ‪हवालात‬ में ‪‎कैद‬ थे..!! फिर‬ उसने ‪‎गैरों‬ के ‪‎जमानत‬ पर हमें ‪ रिहा‬ कर दिया..!!😒 😒 😒 😒…

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