Friday 30 September 2016

Gourav Kamboj



Vill:- Sandhali, P.O:- Gumthala Rao, Yamun Nagar
चाह से ज्यादा, चाहने की चाह, मुझे भी थी उसे👸 लेकिन क्या फायदा ऐसी चाह👸 का, जो चाहकर भी ना बन सके मेरी चाह



  • ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम, शहर में भीड़ इतनी भी न थी..पर रोक दी तलाश हमने, क्योंकि वो खोये नहीं थे, बदल गये थे

  • दर्द हैं दिल में पर इसका ऐहसास नहीं होता… रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता… बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में… और वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता…